top of page
Search
  • Writer's pictureAkash Jagtap

मराठी कविता



3 views0 comments

Recent Posts

See All

हिंदी कविता

दिल कि किताब से चंद अल्फाज ढुंढता मै रह गया, सुनाना था उसे कुछ, खुदसे ही बोलता रह गया काश के लिखे हुए वो खत उसे भेज भी दिये होते काश के धडकनो के कबुतर उसकी ओर छोड भी दिये होते जाना था ही उसे जिंदगीसे

प्राणिसंग्रहालयातला निरागस वाघ

प्राणिसंग्रहालयातला निरागस वाघ वैतागून आला वाघ, प्राणिसंग्रहालयातून बाहेर, भयभीत झाली जनता, पळत सुटली चौफेर पहिल्यांदा वाघाने, चौकट होती ओलांडली अनोळखी रस्ते पाहून त्याची गतीच सगळी खुंटली "वाघ आला" म्

Post: Blog2_Post
bottom of page